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अक्सर माता पिता अपनी संतान का नाम यह सोंच कर रखते हैं कि नाम का प्रभाव उनके बच्चे के व्यक्तित्व पर पड़ेगा. कुछ बच्चे अपने माता पिता की इस सोंच को सही साबित कर देते हैं. गुनी मिश्रा एक ऐसी ही बच्ची है.
27 मार्च 2006 को जन्मी गुनी
बहुत छोटी उम्र से ही कमाल कर रही है. जब वह महज साढ़े तीन साल की थी तब अंग्रेज़ी का अखबार पढ़ने लगी थी. नर्सरी क्लास में उसे 16 तक पहाड़े याद थे तथा तीन अक्षर वाले शब्द लिख लेती थी. छोटी सी उम्र में ही गुनी गायत्री मंत्र शनि मंत्र आदि शुद्ध उच्चारण के साथ सुनाती थी.
गुनी एक अच्छी वक्ता है. स्कूल मे पंद्रह अगस्त छब्बीस जनवरी के अवसर पर अपनी स्पीच से बहुत प्रसंशा बटोरती हैं. गुनी चित्रकला में भी दिलचस्पी रखती है. आत्मरक्षा.तथा आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कराटे भी सीखती है.
गुनी अपने माता पिता के साथ अहमदाबाद में रहती है. गुनी के पिता शैलेंद्र नौकरी पेशा हैं जबकि माता अंजली एक गृहणी हैं. गुनी आनंद निकेतन शिलज स्कूल की पांचवीं कक्षा की छात्रा है.
इतनी कम उम्र में गुनी चित्रकला, नृत्य, हस्तलेखन, संस्कृत श्लोकों के गायन आदि कई प्रकार की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर ढेरों पुरुस्कार, सर्टिफ़िकेट तथा मेडेल जीत चुकी है.
शिक्षा के क्षेत्र में कुल 27
गणित, अंग्रेज़ी विज्ञान के Olympiad में कुल 5 सर्टिफिकेट
कराटे में कुल 11 सर्टिफिकेट
अब तक गुनी ने 9 Gold, 2 Silver तथा 3 Bronze मेडेल जीते है.
इसके अलावा अलग अलग प्रतियोगिताओं में कुल 6 ट्राफी जीत चुकी है.
शिक्षकों, सहपाठियों तथा आस पड़ोस सभी की चहेती है गुनी. सभी का मानना है कि गुनी एक असाधारण बालिका है. इतनी सफलताओं के बाद भी वह बहुत सौम्य तथा अनुशासित हैं. गुनी की माँ को उस पर बहुत गर्व है. उनका कहना है “इस उम्र में गुनी जितनी धैर्यवान है वह धैर्य बड़ों में भी मुश्किल से देखने को मिलता है. मैंने जरूर अच्छे कर्म किए होंगे जिसके फल स्वरूप मुझे गुनी जैसी बेटी मिली.”
अरहर की दाल की शौकीन गुनी भविष्य में इंजीनियर बनना चाहती है.
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