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संवेदनाओं के पंख

parvaaz hounsale ki
parvaaz hounsale ki
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साहित्य को नेत्रहीन व्यक्तियों तक पहुँचाने की अनोखी पहल है ब्लाग संवेदनाओं के पंख/ दिव्य दृष्टि. यहाँ पर लेखन की विभिन्न विधाओं जैसे आलेख, कहानी, लघुकथा तथा कविताओं को ऑडियो के रूप में परिवर्तित कर प्रकाशित किया जाता है. श्रव्य रूप में रचनाएं नेत्रहीनों तक सुगमता से पहुँच जाती हैं और वह इन रचनाओं का आनंद उठा सकते हैं. ब्लाग में हर आयु वर्ग से संबंधित रचनाओं को सम्मिलित किया जाता है. इसके ज़रिए श्रोताओं को साहित्यिक रचनाओं के साथ साथ  समसामायिक विषयों, ऐतिहासिक घटनाओं तथा फिल्म जगत से संबंधित मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं.

इस ब्लॉग की एक और विशेषता यह भी है कि इसे निरंतर अपडेट किया जाता है. जाने-पहचाने साहित्यकारों, कवियों, लेखकों की रचनाओं के 600 से अधिक ऑडियो का इसमें समावेश है.

संवेदनाओं के पंख ब्लॉग का आरम्भ अगस्त 2007 में हुआ. अक्टूबर 2015 से इसमें दिव्य दृष्टि नाम जोड़कर नेत्रहीन लोगों के लिए ऑडियो शुरू किया गया.

इस ब्लाग का संचालन डॉ. महेश परिमल एवं उनकी सहधर्मिणी श्रीमती भारती परिमल द्वारा किया जाता है. अधिकांशतः रचनाओं को आवाज़ देने का कार्य श्रीमती भारती परिमल द्वारा किया जाता है.

दोनों पति पत्नी का संबंध साहित्य से है. डॉ. महेश परिमल की अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इसमें से प्रथम पुस्तक क़ो मध्यप्रदेश शासन ने पुरस्कृत किया है. डॉ. महेश पिछले 36 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े हैं. स्वतंत्र पत्रकार के रूप में भोपाल में सक्रिय हैं. अपने पति के सहयोग व प्रोत्सागन से श्रीमती भारती परिमल भी हिंदी लेखन में सक्रिय हैं.

http://dr-mahesh-parimal.blogspot.in/


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