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लेखन मेरे लिए अल्लाह ताला की दी हुई नेमत है

parvaaz hounsale ki
parvaaz hounsale ki
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अपनी कलम के ज़रिए समाज की रुढ़ियों, राजनैतिक तथा सामाजिक स्तर पर गिरते हुए जीवन मूल्यों पर प्रहार करने वाले तथा सामाजिक चेतना की मशाल को प्रज्वलित करने वाले रचनाकार जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी अपने इस हुनर के लिए अल्लाह के प्रति आभार प्रकट करते हैं.  लेखन की प्रतिभा बीज रूप में ईश्वर द्वारा उनके मन में रोपित की गई जिसे  उनके अध्यापकों ने पहचान कर अपने आशीष व प्रोत्साहन से पोषित किया. समय के साथ साथ इनकी प्रतिभा में और निखार आया और उस्मानी साहब ने विद्यालय में आयोजित लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लेना आरंभ कर दिया. आपकी कला दिनों दिन परवान चढ़ते हुए महाविद्यालय स्तर तक पहुँच गई. 1992 में शिवपुरी मध्यप्रदेश के आकाशवाणी केंद्र के ‘युववाणी’ कार्यक्रम में युवा पीढ़ी में बढ़ते नशे की समस्या पर आधारित आपकी कहानी ‘विकल्प’ का प्रसारण हुआ. सन 1992 से आप अनुबंध के आधार पर आकाशवाणी केन्द्र शिवपुरी में कार्यरत हैं – सन 1992 से 1999 तक कार्यक्रम ‘युववाणी’ के नैमित्तिक कम्पीयर के रूप में तथा उसके बाद से अब तक उद्घोषक के रूप में. आकाशवाणी ने इन्हें नाट्य-स्वर कलाकार के रूप में भी अनुमोदित किया है. कुछ रेडियो रूपकों व नाटकों में आपने अपना  स्वर दिया है।

साहित्य से आपका जुड़ाव छोटी आयु से ही रहा है. नौवीं कक्षा से ही इन्हें पत्र-पत्रिकाओं के अध्ययन का शौक रहा. इनकी सदैव यह कोशिश रही कि हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेज़ी भाषाओं में महारथ हासिल की जाए. यहीं से इनके लेखन की शुरुआत हुई जिसे शिक्षकों तथा सहपाठियों द्वारा प्रोत्साहन मिलता रहा.

आपका मानना है कि अल्लाह हर शख़्स को किसी ना किसी हुनर से नवाज़ता है. यह इंसान का फर्ज़ है कि अपने हुनर को पहचान कर उसे निखारने का प्रयास करे. ख़ुदा से मिले ज़िंदगी के अनमोल तोहफ़े को बेकार नहीं करना चाहिए बल्कि इसका उपयोग देश व समाज की भलाई में करना चाहिए.

आप वर्तमान में शिवपुरी (म.प्र.) के स्थायी  निवासी हैं। आपका जन्म 5 अगस्त 1968 को दमोह  मध्यप्रदेश में हुआ. आपने बी.एससी. किया, तत्पश्चात अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. तथा बी. एड. किया. आप एक अशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अंग्रेज़ी विषय के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. आप स्वतंत्र रूप से लेखन का कार्य करते हैं. अब तक 200 से अधिक लघु कथाएं तथा लघु कहानियां लिख चुके हैं. आपकी रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में तथा फेसबुक साहित्यिक समूहों और साहित्यिक पत्रिका वेबसाइट ‘ओपन बुक्स ऑनलाइन’ पर प्रकाशित होती रही हैं. इसके अलावा आकाशवाणी से भी समय-समय पर वार्ता/चिंतन का प्रसारण होता रहा है.

शिवपुरी के स्थानीय साहित्यिक आयोजनों के साथ ही इंटरनेट ने इनकी प्रतिभा को निखारने में इनकी बहुत सहायता की है. फेसबुक के कई साहित्यिक समूहों पर इनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं. लेखन के अतिरिक्त आप चित्रकला संगीत व छायांकन में भी रुचि रखते हैं. स्थानीय स्तर पर आपने पत्रकारिता भी की है. स्थानीय पूर्व प्रकाशित साप्ताहिक समाचार-पत्र ‘चेतना की आवाज़’ में आपने कुछ वर्ष संपादन का कार्य भी किया है.

इस वर्ष 2016 के अंत तक ऐसे तीन साझा-संग्रह पुस्तकों के विमोचन होने की आशा है, जिनमें इनके द्वारा रचित कुछ रचनाएँ भी प्रकाशित होनी हैं-

१- लघुकथा साझा संग्रह

२- हाइकू शताब्दी वर्ष पर हाइकू साझा-संग्रह

3- वर्ण-पिरामिड साझा-संग्रह

लघुकथा लेखन में प्रोत्साहन देने के लिए आप लोकप्रिय साहित्यिक फेसबुक ग्रुप ‘लघुकथा के परिन्दे’ की एडमिन व लेखिका श्रीमती कांता राय जी तथा लघुकथा विधा के प्रति समर्पित साहित्यिक पत्रिका वेबसाइट ‘ओपन बुक्स ऑनलाइन’ के प्रधान संपादक महोदय श्री योगराज प्रभाकर जी के प्रति हृदयतल से आभारी हैं.

आपके जीवन का फ़लसफ़ा है-

“हर सुख में दुःख है और हर दुःख में सुख भी किसी रूप में छिपा होता है तत्काल या निकट भविष्य के संदर्भ के साथ. इन्सानियत ही व्यक्ति का सच्चा धर्म व सच्चा साथी है.”

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