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जिएं ज़िंदादिली से

parvaaz hounsale ki
parvaaz hounsale ki
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Innu

ज़िंदगी को पूर्णता से जीने की चाह सभी गतिरोधों को परास्त कर देती है. जब आप चुनौतियों से भागने की बजाय उनका सामना करते हैं तो वह स्वयं आपके समक्ष घुटने टेक देती हैं.

“विजेता वही होते हैं जो स्वप्न देखने का साहस करते हैं. जो अपना आत्मविश्वास कभी नही खोते.”

इनू सिंग त्रिपाठी एक ऐसी ही शख़्सियत हैं जिन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर उन्हें पराजित किया है. अपनी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अपने दृढ़निश्चय तथा आत्मबल से इन्होंने वह मुकाम हासिल किए हैं जो बहुत से लोगों के लिए सोंच से परे हैं. इनू एक Fashion designer, Qualified HR & Marketing Executive होने के साथ साथ एक गायिका, एक चित्रकार तथा लेखिका भी हैं. इसके अतिरिक्त वह एक पत्नी तथा माँ का उत्तरदायित्व भी भली भांति निभाती हैं.

इनू का जन्म ओडिशा में हुआ था. महज दस माह की आयु में इन्हें Polio हो गया. जिसके कारण उनके शरीर का निचला हिस्सा प्रभावित हो गया. अतः चलने फिरने के लिए उन्हें Wheelchair का सहारा लेना पड़ता है. किंतु इससे उनके जीने के जज़बे पर कोई प्रभाव नही पड़ा. इनू ने स्वयं को स्वावलंबी बनाया. जीवन के प्रति अपने  सकारात्मक दृष्टिकोंण के कारण ही वह यह समझती हैं कि ऐसा कोई भी काम नही जिसे वह ना कर सकें. अतः वह Photography तथा बागबानी का भी शौक रखती हैं.

12th तक की शिक्षा इन्होंने Regular school से की. यहाँ इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा किंतु इन्होंने उनका डट कर मुकाबला किया. इनके साथियों का भी इन्हें पूर्ण सहयोग मिला.

अपने इलाज के चलते एक Surgery के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. अतः B.com की पढ़ाई इन्होंने distance course के माध्यम से की.

अक्सर लोग शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को Fashion जैसी चीज़ से परे समझते हैं. अतः इस मान्यता को चुनौती देते हुए इन्होंने Fashion Designing के Course में प्रवेश लिया. Fashion Designing इनके लिए वस्त्र सज्जा से अधिक जीवन निर्माण का जरिया है. इनू का मानना है कि विकलांग व्यक्तियों को अपनी साज सज्जा पर ध्यान देना चाहिए ताकि बेहतर ढंग से लोगों के समक्ष स्वयं को प्रस्तुत कर सकें.

इनू के अनुसार सुखपूर्वक तथा आत्मसम्मान के साथ जीवन व्यतीत करना ही आदर्श जीवन है. वह जीवन को संपूर्णता के साथ जीती हैं. अपने पति परेश त्रिपाठी के लिए वह एक आदर्श जीवन संगिनी हैं. वहीं अपने पुत्र प्रियांश के लिए एक समर्पित माँ हैं. प्रियांश का मानना है कि उसकी माँ उसे सबसे अधिक समझती हैं.

शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए इनू का संदेश है कि कुछ समय स्वयं के बारे में विचार करें. अपनी कमियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने भीतर छुपे गुणों को उभारें. जीवन के प्रति सकारात्मक एवं संतुलित दृष्टिकोण रखें.


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